5 Simple Statements About Shodashi Explained

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Neighborhood feasts Enjoy a substantial purpose in these situations, exactly where devotees come collectively to share meals that often include regular dishes. This sort of foods celebrate equally the spiritual and cultural components of the Competition, maximizing communal harmony.

कर्तुं श्रीललिताङ्ग-रक्षण-विधिं लावण्य-पूर्णां तनूं

The reverence for Goddess Tripura Sundari is evident in just how her mythology intertwines Together with the spiritual and social fabric, featuring profound insights into the nature of existence and the path to enlightenment.

वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।

सा मे दारिद्र्यदोषं दमयतु करुणादृष्टिपातैरजस्रम् ॥६॥

The Mahavidya Shodashi Mantra can also be a powerful Resource for people searching for harmony in individual associations, Inventive inspiration, and steerage in spiritual pursuits. Normal chanting fosters psychological healing, improves instinct, and will help devotees obtain greater wisdom.

यस्याः विश्वं समस्तं बहुतरविततं जायते कुण्डलिन्याः ।

ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం ఐం సౌ: ఓం హ్రీం శ్రీం క ఎ ఐ ల హ్రీం హ స క హ ల హ్రీం స క ల హ్రీం సౌ: ఐం క్లీం హ్రీం శ్రీం 

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

सावित्री तत्पदार्था शशियुतमकुटा पञ्चशीर्षा त्रिनेत्रा

Within the fifth auspicious day of Navaratri, the Lalita Panchami is celebrated since the legends say that this was the working day in the event the Goddess emerged from hearth to destroy the demon Bhandasura.

The philosophical Proportions of Tripura Sundari lengthen beyond her physical attributes. She signifies the transformative power of natural beauty, which could lead the devotee through the darkness of ignorance to the light of knowledge and enlightenment.

भर्त्री स्वानुप्रवेशाद्वियदनिलमुखैः पञ्चभूतैः स्वसृष्टैः ।

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते Shodashi है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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